Whatsapp: +91 7669297140
Please Wait a Moment
Menu
Dashboard
Register Now
Exercise 61 & 62 ()
Font Size
+
-
Reset
Backspace:
0
Timer :
00:00
सभापति महोदय, मैं वित्त विधेयक का समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूँ। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बहुत बड़ी है और उसका क्षेत्र भी बहुत बड़ा है। इसलिए यह आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश को उसकी जनसंख्या और क्षेत्र के अनुसार विकास योजनाओं के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता दी जाए। इसके बिना उत्तर प्रदेश की उन्नति होना असंभव है। भारत का किसान इस देश का जीवन है। किसान पर ही सारी खुशहाली और उन्नति निर्भर करती है। अगर उसका जीवन समृद्ध होगा, तो देश भी समृद्ध होगा। इसलिए यह आवश्यक है कि किसान के दैनिक जीवन की चीजें सस्ती हों और उसके खाद और कृषि यंत्र आदि सस्ते दामों पर मिल जाएँ। पानी के लिए उसको भगवान की तरफ न देखना पड़े बल्कि उसको सिंचाई के विषय में आत्मनिर्भर बनाया जाए। जब तक किसान को पूरी सुविधाएँ नहीं दी जाएँगी, तब तक देश उन्नति नहीं कर सकता है। मेरा यह भी निवेदन है कि जिन परिवारों में खेती का काम होता है उन परिवारों के बच्चों को कृषि विभाग में नौकरी देनी चाहिए। यह मैं आवश्यक समझता हूँ क्योंकि उन्हें कृषि के बारे में व्यावहारिक ज्ञान होता है। सभापति महोदय, वर्तमान सरकार ने समाजवाद की नीति अपनाई है और सरकार समाजवाद की तरफ कदम बढ़ा रही है। लेकिन हम देखते हैं कि बड़े और छोटे सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ा फर्क है। कुछ अधिकारियों का वेतन हजारों में है, जबकि चपरासी आदि छोटे सरकारी कर्मचारियों को सिर्फ 5000 या 7000 रुपए मिलते हैं। आज वेतन में यह जो फर्क है वह समाप्त होना चाहिए। मेरा निवेदन है कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बहुत ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। तभी हम कह सकते हैं कि हिंदुस्तान में समाजवाद है। किसान की रोजाना के उपयोग की चीजें बहुत महँगी होती जा रही हैं। देश में महँगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और सारे देश में बेचैनी फैली हुई है। इस बढ़ती हुई महँगाई को रोकना आवश्यक है, नहीं तो देश में क्रांति हो जाएगी। आप इस सच्चाई को छिपा नहीं सकते कि आज देश में चारों तरफ बड़ा असंतोष है और लोग बड़ी आशा से हमारी तरफ देख रहे हैं। लेकिन महँगाई हमारे नियंत्रण से बाहर होती चली जा रही है। श में काले धन की बड़ी चर्चा की जाती है। उसको निकालने के लिए बड़े प्रयत्न किए गए हैं। सभापति महोदय, सरकार इस स्थिति में नहीं आई है कि वह कह सके कि देश में काला धन नहीं है। काले धन को निकालने के और प्रयत्न होने चाहिए। लेकिन उसके साथ-साथ इस दिशा में भी कदम उठाए जाएँ कि कामों पर रोक लगाई जाए जिससे लोगों को काला धन कमाने का अवसर ही न मिले। आज हमारे देश के विभिन्न प्रदेशों और क्षेत्रों की स्थिति में बड़ा अंतर है। इस अंतर को समाप्त किया जाना चाहिए। मुझे आशा है कि वित्तमंत्री महोदय मेरे इन सुझावों पर अवश्य ध्यान देंगे। कल मैं वित्तमंत्री जी को बता रहा था कि आप एक तरफ से नए-नए कर लगाकर खजाने को भरने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ आपके विभाग उस खजाने में छेद कर रुपया निकाल रहे हैं। इस तरफ उनका ध्यान जाना चाहिए। मैंने इस संबंध में एक उदाहरण दिया था कि एक लंबी-चौड़ी सड़क पर एक ही तरह का काम होने वाला था। एक ठेकेदार ने 4 लाख रुपए प्रति मील और दूसरे ठेकेदार ने 10 लाख रुपए प्रति मील के हिसाब से रुपया माँगा। जब मंत्री महोदय के सामने यह चीज लाई गई तो इस बात की जाँच हुई जिसमें कुछ करोड़ रुपयों की बचत हुई है। अगर सब मामलों की जाँच हो जाती तो कई करोड़ रुपयों की बचत हो सकती थी। जैसा कल मैंने वित्त मंत्री जी से कहा उन्होंने दो करोड़ रुपए की छूट करों में देकर हम पर अहसान लाद दिया। लेकिन मैं तो आपका कई करोड़ रुपयों का लाभ करा रहा हूँ। आप इसकी जाँच कराइए और देखिए कि कैसी लूट हो रही है। इतना ही नहीं, इसका प्रभाव दूसरे विभागों पर भी पड़ रहा है। वहाँ पर जो दूसरे विभाग काम कर रहे हैं, उनकी दरें भी बढ़ रही हैं या द्रे बढ़ने के लिए उनकी माँग बढ़ रही है। जब वही काम एक जगह अधिक लागत में होगा तो दूसरी जगह वही काम कम लागत में नहीं हो सकता। इसलिए या तो वह चोरी करेगा या दर बढ़वाएगा। अगर एक सड़क पर ऐसा होता है तो वहाँ जो दूसरे काम चलते हैं उनमें भी ऐसा ही होता है। ठेकेदार आपके विभागों के साथ मिलकर दर बढ़ाते हैं। मैं भ्रष्टाचार की बात नहीं कहता हूँ उसको न आप बंद कर सकते हैं और न मैं बंद कर सकता हूँ और न लोग।
Submit
Submit Test !
×
Dow you want to submit your test now ?
Submit